मेरा नाम ज़ाराहै यह मेरी कहानी है | ऑफिस/जॉब लव स्टोरी (Office Love)

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मेरा नाम ज़ारा है। मैं 26 साल की, एक महत्वाकांक्षी और क्रिएटिव सोशल मीडिया मैनेजर हूँ। मैंने हाल ही में ‘इमेज मास्टर्स’, एक बड़ी एडवरटाइजिंग और पीआर फर्म में ज्वाइन किया था। मेरा काम था कंपनी के सोशल मीडिया अकाउंट्स को संभालना और उन्हें ‘ट्रेंडिंग’ बनाना।

कंपनी के सीईओ थे ईशान सहगल। ईशान… वह एक तरह की पहेली थे। तीस की उम्र में, वह अपने काम के लिए एक जीनियस थे, लेकिन उनका व्यक्तित्व भयानक था। वह शांत, बेहद गंभीर, और कॉर्पोरेट रूल्स के प्रति सनकी थे। उनकी मेज़ पर एक बोर्ड हमेशा लगा रहता था: “नो नॉइज़, नो इमोशन, ओनली रिजल्ट्स।”

मेरे पहले ही हफ़्ते में उनसे मेरी सीधी टक्कर हो गई।

मैंने कंपनी के इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक नया, मज़ेदार ‘रील’ (Reel) पोस्ट किया था, जिसमें हमारे कर्मचारी काम के दौरान एक छोटा-सा डांस कर रहे थे। एक घंटे में, उस पर हज़ारों लाइक्स आ गए।

लेकिन लाइक्स आने के 10 मिनट बाद, मेरे डेस्क पर एक फ़ोन आया। “ज़ारा, तुरंत मेरे कैबिन में आओ।” यह ईशान की आवाज़ थी—पूरी तरह से बिना भावना वाली।

मैं डरी हुई उनके कैबिन में गई। वह अपनी विशाल मेज़ पर बैठे थे, उनकी नज़रें उस रील पर टिकी थीं जो उनकी स्क्रीन पर चल रही थी।

“यह क्या है?” उन्होंने बिना आँख उठाए पूछा। “सर, यह… ‘इंगेजमेंट’ बढ़ा रहा है। हमारे फॉलोअर्स बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने अपना सिर उठाया, और उनकी तीव्र नज़रें मुझे भेदने लगीं। “इंगेजमेंट? यह ‘इमेज मास्टर्स’ है, ज़ारा! यह कोई कॉलेज की डांस प्रतियोगिता नहीं है। हमारा ब्रांड गंभीरता और प्रोफेशनलिज्म दिखाता है, न कि बेवकूफी भरी हरकतें!”

मैंने हिम्मत जुटाई, “सर, लेकिन आज के दौर में, लोग ब्रांड्स को मानवीय देखना चाहते हैं। यह ‘ऑथेंटिसिटी’ है।”

उन्होंने मेरे चेहरे पर देखा, और पहली बार उनकी आँखों में एक अजीब-सी चमक दिखी, जो गुस्से से ज़्यादा चुनौती भरी थी। “ठीक है। तुम्हारी ‘ऑथेंटिसिटी’ का प्रयोग करते हैं। तुम्हारा काम है हमारे सबसे बोरिंग क्लाइंट, ‘यूनिवर्सल बैंक’ के लिए एक सोशल मीडिया कैंपेन बनाना। अगर तुम उसे वायरल कर पाई, तो मैं मान लूँगा कि तुम्हारा तरीका सही है। अगर नहीं, तो तुम सिर्फ़ कॉर्पोरेट गाइडलाइंस का पालन करोगी।”

यह एक ‘डेयर’ थी। मुझे लगा, ईशान सहगल सिर्फ़ मेरे काम को नहीं, बल्कि मेरे व्यक्तित्व को चुनौती दे रहा था। मुझे उस दिन एहसास हुआ कि यह बॉस जितना सनकी है, उतना ही अविश्वसनीय रूप से आकर्षक भी है। मुझे उस ‘यूनिवर्सल बैंक’ को वायरल करना था, और मुझे उस ‘सनकी सीईओ’ को गलत साबित करना था।

ईशान की चुनौती ने मुझे जगा दिया था। ‘यूनिवर्सल बैंक’ के लिए सोशल मीडिया कैंपेन बनाना असंभव लग रहा था। वे इतने रूढ़िवादी (Conservative) थे कि उन्हें ‘नमस्ते’ लिखने में भी डर लगता था।

मैंने तय किया कि मैं डरूँगी नहीं। मैंने बैंक के अजीब नियमों और अति-गंभीर कर्मचारियों को ही अपनी क्रिएटिविटी का हिस्सा बनाया। मैंने एक ‘बिहाइंड-द-सीन’ सीरीज़ शुरू की जिसका शीर्षक था: “जब बैंक कर्मचारी भी इंसान होते हैं।”

मुझे इस प्रोजेक्ट पर लगातार ईशान के साथ काम करना पड़ा। वह मेरे हर ‘ट्वीट’ और हर ‘स्टोरी’ को व्यक्तिगत रूप से रिव्यू करता था।

हमारी मीटिंग्स अजीब होती थीं: “ज़ारा, इस कैप्शन में ‘मस्ती’ शब्द क्यों है? इसे ‘उत्साह’ करो।” “सर, ‘उत्साह’ से लाइक्स नहीं आते, ‘मस्ती’ से आते हैं।”

हमारी बहसें हमेशा तीखी होती थीं, लेकिन उनमें एक अजीब-सा इंटरेस्ट होता था। मुझे लगा कि वह मेरे विचारों से लड़ नहीं रहा था, बल्कि नया सीखने की कोशिश कर रहा था।

एक रात, हम एक वीडियो ऐड के लिए स्क्रिप्ट पर काम कर रहे थे। रात के 11 बज चुके थे, और ऑफिस लगभग खाली था। हम दोनों थक चुके थे।

ईशान अचानक अपनी कुर्सी पर पीछे की ओर झुका। “ज़ारा, मुझे पता है कि तुम सही हो। तुम्हारा काम शानदार है। लेकिन मैं डरता हूँ। अगर यह ‘ऑथेंटिसिटी’ का दाँव उल्टा पड़ गया तो?”

पहली बार, उसने ‘सीईओ’ का मास्क उतारा था। वह सचमुच डरा हुआ था।

“सर,” मैंने धीरे से कहा, “हर बड़ा रिस्क बड़ा रिवॉर्ड देता है। और सबसे महत्वपूर्ण बात, मैं अकेली नहीं हूँ। आप मेरे साथ हैं।”

उसने मेरी ओर देखा, और उसकी आँखें अब तीव्र नहीं, बल्कि गहरी थीं। “मैं तुम्हें अकेला महसूस नहीं होने दूँगा,” उसने कहा।

अगले दिन, हमने ‘यूनिवर्सल बैंक’ का एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक बेहद गंभीर बैंक मैनेजर, अपने लंच ब्रेक में, 90 के दशक के किसी गाने पर चुपके से डांस कर रहा था।

कैंपेन वायरल हो गया। एक घंटे के अंदर, लाखों व्यूज! लोग उस ‘डांसिंग मैनेजर’ को प्यार करने लगे। बैंक की इमेज पूरी तरह बदल गई।


ईशान अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए मेरे पास आया। वह अपने हाथों में दो कॉफ़ी मग पकड़े हुए था, इस बार ब्लैक कॉफ़ी नहीं, बल्कि कैप्पुचिनो

“यह क्या है?” मैंने पूछा।

“यह ‘ऑथेंटिसिटी’ का स्वाद है,” उसने मुस्कुराते हुए कहा। उसकी मुस्कान इतनी दुर्लभ थी कि मेरा दिल तेज़ी से धड़कने लगा। “तुम जीत गई, ज़ारा। और तुमने मुझे गलत साबित किया।”

“तो, अब आप मानते हैं कि ‘इमोशन’ भी ज़रूरी है?” मैंने पूछा।

वह मेरे करीब आया। उसकी आवाज़ धीमी हो गई, “हाँ। मुझे पता चला कि सिर्फ काम पर ध्यान केंद्रित करना ज़रूरी नहीं है, कभी-कभी लोगों पर ध्यान केंद्रित करना भी ज़रूरी है।” उसने अपनी नज़र मेरी आँखों से नहीं हटाई।

“और तुम, ज़ारा,” उसने अपना हाथ बढ़ाया और मेरे कंधे पर रखा। “तुम मेरे लिए सिर्फ एक ‘डेटा पॉइंट’ नहीं हो। तुम मेरे ‘प्रोफेशनल कैओस’ में एक सबसे सुंदर और ज़रूरी ‘क्रिएटिव फ़िल्टर’ हो।”

उस पल, मैं जान गई कि हमारी बहसें, हमारी टक्कर, सब उस इलेक्ट्रिक कनेक्शन को छुपाने का बहाना थीं जो हम दोनों के बीच पहली नज़र से ही मौजूद था। मेरा ‘सनकी सीईओ’ अब मेरा अपना ‘इंसान’ बन चुका था। हमने ऑफिस से दूर, अपने रिश्ते को एक मौका देने का फ़ैसला कर लिया था।

हमारे सीक्रेट रिश्ते को तीन महीने हो चुके थे। ऑफिस में हम सख्त प्रोफेशनल थे, लेकिन रात को ईशान मेरे लिए दुनिया का सबसे मज़ेदार और इमोशनल व्यक्ति बन जाता था।

लेकिन, जैसे ही कोई भी ख़ुशी भरी ख़बर कॉर्पोरेट गलियारों में प्रवेश करती है, वैसे ही अफ़वाहों का बाज़ार गर्म होने लगा। कंपनी में लोग फुसफुसा रहे थे कि ज़ारा को हर प्रोजेक्ट इसलिए मिल रहा है क्योंकि वह सीईओ की ‘फ़ेवरेट’ है। मेरी मेहनत को अनदेखा किया जा रहा था।

एक दिन, एक सीनियर कलीग ने मेरी मेज़ पर आकर टिप्पणी की, “वाह, ज़ारा! तुम तो प्रमोशन की लाइन में सबसे आगे हो। तुम्हें पता है न, सीईओ को इम्प्रेस करने का तरीका क्या है।”

मुझे यह सुनकर बहुत गुस्सा आया। मैं तुरंत ईशान के कैबिन में गई।

“हमें कुछ करना होगा, ईशान। लोग मेरी मेहनत को नहीं देख रहे हैं, वे बस हमारे रिश्ते पर ध्यान दे रहे हैं। मैं नहीं चाहती कि मेरी पहचान सिर्फ़ आपकी गर्लफ्रेंड के रूप में बने।”

ईशान शांत था। “मुझे पता था कि ऐसा होगा, ज़ारा। कॉर्पोरेट दुनिया ऐसी ही है। वे सफल महिलाओं को हमेशा संदेह की नज़र से देखते हैं।”

उसने फ़ैसला लिया। अगले दिन, ‘इमेज मास्टर्स’ की बोर्ड मीटिंग थी। यह मीटिंग सालाना रणनीति और नए बोर्ड सदस्यों के चयन के लिए थी।

ईशान ने मीटिंग में मुझे भी बुलाया। मेरे हाथ काँप रहे थे।

मीटिंग शुरू हुई, और ईशान ने कंपनी की सफलता और वायरल कैंपेन के बारे में बात की। फिर उसने माइक लिया।

“मुझे एक महत्वपूर्ण घोषणा करनी है,” उसने कहा। “यह कंपनी की इमेज के बारे में है। हम अपनी लीडरशिप टीम को अधिक ‘ऑथेंटिक’ और ‘सोशल मीडिया फ्रेंडली’ बनाना चाहते हैं।”

फिर, उसने सीधे मेरी ओर देखा।

“हम सब जानते हैं कि ज़ारा ने हमारी कंपनी और हमारे क्लाइंट्स की इमेज को पूरी तरह से बदल दिया है। लेकिन, हम यह भी जानते हैं कि मेरे और ज़ारा के बीच एक रोमांटिक रिश्ता है, जो कुछ लोगों के लिए ‘कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट’ पैदा कर रहा है।”

पूरा कमरा स्तब्ध था।

“इसलिए,” ईशान ने अपने फ़ैसले की घोषणा की, “आज से, मैं और ज़ारा अब डायरेक्ट रिपोर्टिंग लाइन में नहीं होंगे। मैं अपनी सीईओ की ज़िम्मेदारी से इस्तीफ़ा दे रहा हूँ।”

मुझे लगा जैसे मुझे करंट लग गया हो। क्या?

ईशान ने आगे कहा, “मैं सिर्फ ‘इमेज मास्टर्स’ में अपनी हिस्सेदारी रखूँगा, लेकिन मैं और ज़ारा मिलकर एक नई, स्वतंत्र डिजिटल क्रिएटिव एजेंसी शुरू करेंगे। एक ऐसी एजेंसी जो केवल ‘ऑथेंटिसिटी’ और ‘इमोशन’ पर आधारित होगी।”

उसने मुस्कुराते हुए मेरी ओर देखा। “मैं अब ‘इमेज मास्टर्स’ का सीईओ नहीं हूँ, लेकिन मैं अब ज़ारा का बिजनेस पार्टनर हूँ। और हाँ, आज के बाद से, ज़ारा सिर्फ एक सोशल मीडिया मैनेजर नहीं है।”

उसने मेरी ओर मुड़कर, मेरा हाथ थामकर सबके सामने कहा, “ज़ारा सहगल, अब हमारी नई कंपनी की चीफ क्रिएटिव ऑफिसर (CCO) हैं।”

मेरे गालों पर आँसू आ गए। ईशान ने न सिर्फ़ मेरे करियर को बचाया, बल्कि उसे एक नई दिशा दी। उसने अपना सीईओ का पद इसलिए छोड़ दिया ताकि लोग हमारी पार्टनरशिप को समान रूप से देखें।

मैंने माइक लिया, आत्मविश्वास से भरी आवाज़ में। “ईशान ने मुझसे कहा था कि मैं ‘यूनिवर्सल बैंक’ को वायरल करके दिखाऊँ। आज, हम दोनों ने मिलकर एक नया ‘ब्रांड’ बनाया है, जो दुनिया को दिखाएगा कि ‘कॉर्पोरेट कैओस’ में भी, ‘इमोशन’ और ‘ऑथेंटिसिटी’ जीतते हैं।”

मेरा ऑफिस रोमांस एक सनकी सीईओ के साथ शुरू हुआ, लेकिन ख़त्म हुआ एक ऐसी साझेदारी में जहाँ हम दोनों अपने-अपने जुनून को समान रूप से आगे बढ़ा सकते थे। अब हमारे पास एक-दूसरे का प्यार था, और एक शानदार भविष्य भी।

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