मेरा नाम समायरा है यह मेरी कहानी है | ऑफिस/जॉब लव स्टोरी (Office Love)

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मेरा नाम समायरा है। 25 साल की, एक गंभीर और बेहद संगठित (Organized) डेटा एनालिस्ट। मेरी दुनिया लॉजिक, नंबर्स और सटीक भविष्यवाणियों पर चलती थी। मैंने अभी-अभी देश की शीर्ष फिनटेक कंपनी, ‘ओरियन कैपिटल’ में सीनियर एनालिस्ट के रूप में ज्वाइन किया था। मेरे करियर का लक्ष्य स्पष्ट था: तेज़ी से ऊपर उठना, कोई इमोशनल ड्रामा नहीं।

और फिर आया वह व्यक्ति, जो मेरे सारे ग्राफ और चार्ट को ध्वस्त करने वाला था: मेरे डायरेक्ट बॉस, कबीर तलवार

कबीर तलवार का नाम ऑफिस के गलियारों में लगभग फुसफुसाहट में लिया जाता था। ‘द डेविल’ (शैतान) – उन्हें उनके काम के प्रति अथाह जुनून और अपेक्षाओं के लिए जाना जाता था। वह 32 साल के थे, बेहद स्मार्ट, लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान थी उनका तीव्र, भेदक आत्मविश्वास। वह न कभी मुस्कुराते थे, न कभी ढील देते थे।

मेरे ज्वाइन करने के पहले ही दिन, उन्होंने मुझे अपने कैबिन में बुलाया। उनका कैबिन कांच की दीवारों वाला था, जहाँ से पूरा शहर दिखता था। जैसे वह शहर के मालिक हों। “समायरा,” उनकी आवाज़ में बर्फ जैसी ठंडक थी, “डेटा एनालिस्ट का काम सिर्फ नंबर्स पढ़ना नहीं है। तुम्हारा काम है भविष्य पढ़ना। अगर तुम 99% सही हो, तो तुम 100% गलत हो। क्योंकि 1% की गलती से कंपनी डूब सकती है। क्या तुम मेरी अपेक्षाओं को समझती हो?”

मैंने सिर हिलाया, लेकिन मेरे अंदर एक अजीब-सी बेचैनी थी। यह आदमी काम को पूजा नहीं, युद्ध समझता था।

अगले तीन हफ़्ते मेरे लिए अग्निपरीक्षा जैसे थे। कबीर लगातार मेरे काम में खामियाँ निकालते, लेकिन कभी अपमान नहीं करते। वह हमेशा एक कदम आगे की सोचते थे, और मुझे भी सोचने के लिए मजबूर करते थे।

एक रात, मैं एक जटिल वित्तीय मॉडल (Financial Model) पर काम कर रही थी। पूरी रात की मेहनत के बाद, मैंने गलती से एक महत्वपूर्ण फाइल डिलीट कर दी। मेरा चेहरा सफ़ेद पड़ गया। अब सुबह क्लाइंट मीटिंग में मैं क्या दिखाऊँगी?

मैं पसीने से तर थी और मुझे रोना आ रहा था। तभी कबीर मेरे क्यूबिकल के पास आकर खड़ा हो गया। वह रात 11 बजे भी पूरी तरह से फ्रेश लग रहा था।

“क्या हुआ, समायरा?” मैंने काँपते हुए बताया, “सर… मैंने… मुख्य मॉडल डिलीट कर दिया।”

मैंने उम्मीद की थी कि वह चिल्लाएगा, गुस्सा करेगा, या मुझे नौकरी से निकाल देगा। लेकिन वह एकदम शांत था।

उसने मेरी कुर्सी के पास झुका और मेरे कीबोर्ड पर उँगलियाँ चलाईं। “शांत हो जाओ। तुम्हें ‘क्लाउड बैकअप’ याद है? जो मैंने तुम्हें पहले दिन सेटअप करने को कहा था?”

“हाँ, सर… लेकिन…” “कोई लेकिन नहीं। डेटा एनालिस्ट के रूप में, हमेशा सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। फ़ाइल बैकअप में है।” उसने एक मिनट में फ़ाइल रिस्टोर कर दी।

फिर उसने मेरी आँखों में देखा, और पहली बार उसकी आवाज़ में थोड़ी नरमी थी। “एक एनालिस्ट गलती कर सकता है, लेकिन घबराकर हार नहीं मान सकता। तुम बहुत स्मार्ट हो, समायरा, लेकिन तुम्हें खुद पर भरोसा करना सीखना होगा। जाओ, एक लंबी साँस लो, और कल की प्रेजेंटेशन पर ध्यान दो।”

उसने अपनी डेस्क की ओर जाते हुए कहा, “और हाँ, कल सुबह 7 बजे से पहले मुझे प्रेजेंटेशन का फाइनल ड्राफ्ट मेल कर देना। मैं इंतज़ार करूँगा।”

उस रात, मेरे दिल में ‘कबीर तलवार’ के प्रति घबराहट की जगह, एक अजीब-सा सम्मान और आकर्षण पैदा हो गया। वह सिर्फ एक कठोर बॉस नहीं था, बल्कि एक ऐसा व्यक्ति था जो संकट में भी शांत रहता था, और चुपचाप अपने लोगों का ध्यान रखता था। यह वह ‘डेविल’ था जिसका एक मानवीय पक्ष भी था, और यह बात मेरे लॉजिकल दिमाग को बिल्कुल भी नहीं समझ आ रही थी।

पहले इंटरेक्शन के बाद, मेरे और कबीर के बीच चीज़ें बदल गईं। ऑफिस में, वह अभी भी ‘द डेविल’ था, जो हर डेटा पॉइंट पर सवाल करता था, लेकिन अब उसकी आलोचना में एक प्रोत्साहन छुपा होता था।

हम दोनों का रूटीन एक जैसा था—सुबह जल्दी आना और देर रात तक काम करना। जल्दी ही, हमारी बातचीत काम से हटकर व्यक्तिगत हो गई।

एक बार, मैं क्लाइंट रिपोर्ट पर काम कर रही थी और परेशान थी कि मैं अपने गृहनगर के शास्त्रीय संगीत कॉन्सर्ट में शामिल नहीं हो पाई। कबीर ने अचानक मेरी डेस्क पर एक टैबलेट रखा।

“यह क्या है, सर?” “पिछले साल के कॉन्सर्ट की हाई-डेफिनिशन रिकॉर्डिंग। मुझे पता है कि तुम इसे मिस कर रही थी।”

मुझे आश्चर्य हुआ। उसे कैसे पता चला कि मैं क्या मिस कर रही थी? “लेकिन आपको कैसे पता चला…?”

वह मुस्कुराया, और वह पहली बार था जब मैंने उसे दिल से मुस्कुराते देखा। “डेटा एनालिस्ट सिर्फ वित्तीय डेटा पर ध्यान नहीं देते, समायरा। वे पैटर्न पर ध्यान देते हैं। तुमने पिछले तीन हफ्तों में शाम 7 बजे के बाद ‘क्लासिकल म्यूजिक फेस्टिवल’ सर्च किया था।”

मेरा चेहरा शर्म से लाल हो गया। यह आदमी मेरी हर गतिविधि का ‘एनालिसिस’ कर रहा था!


धीरे-धीरे, हम ऑफिस के बाहर लंच के लिए मिलने लगे। शहर के दूर-दराज के शांत कोने या छोटी, गुमनाम कॉफ़ी शॉप्स हमारी मीटिंग पॉइंट बन गईं। यह दोहरी ज़िंदगी रोमांचक थी।

  • ऑफिस में: वह मेरा बॉस, मैं उसकी एनालिस्ट। औपचारिक, सख्त और व्यावसायिक।

  • बाहर: वह कबीर, मैं समायरा। हम सपनों, लक्ष्यों और अपने डरों पर बात करते थे। मुझे पता चला कि कबीर को लोगों का डेटा एनालाइज करने में मज़ा आता था, लेकिन खुद की भावनाएँ व्यक्त करने में वह संघर्ष करता था।

एक दोपहर, हम अपनी कार में शहर से बाहर एक प्रोजेक्ट साइट पर जा रहे थे। प्रोजेक्ट की बात खत्म हो चुकी थी, और अजीब-सा सन्नाटा छा गया।

मैंने उससे पूछा, “सर, आप इतने सख्त क्यों रहते हैं? कभी-कभी लगता है, आप लोगों से दोस्ती ही नहीं करना चाहते।”

कबीर ने गाड़ी रोकी, मेरी ओर देखा, और उसकी आँखों में जो तीव्रता थी, वह अब नरमी में बदल गई थी।

“समायरा, जब तुम सबसे ऊपर होते हो, तो तुम्हें सख्त होना पड़ता है, ताकि कोई तुम्हारे फैसले पर शक न करे। मैं लोगों को खुद से दूर रखता हूँ, क्योंकि… दूर रखना आसान है, करीब लाना मुश्किल। और मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी सबसे सफल एनालिस्ट बनो, ताकि दुनिया में कोई यह न कह सके कि मैंने तुम्हें कोई विशेष सुविधा दी।”

उसने अपनी बात खत्म की, लेकिन उसकी आँखें बहुत कुछ कह रही थीं। उसने धीरे से अपना हाथ बढ़ाया और मेरी उँगलियों को छुआ। वह छूना बिजली के झटके जैसा था।

“समायरा,” उसने धीरे से कहा, “तुम मेरे द्वारा एनालाइज किया गया अब तक का सबसे खूबसूरत डेटा पॉइंट हो। और अब, मैं सिर्फ तुम्हें ही नहीं, तुम्हारे भविष्य को भी सुरक्षित करना चाहता हूँ।”

यह सीधा, स्पष्ट इज़हार था। कोई फिल्मी डायलॉग नहीं, सिर्फ एक डेटा एनालिस्ट के अंदाज़ में किया गया कन्फेशन।

मैंने कुछ नहीं कहा, बस मुस्कुरा दी। उस पल, मेरे दिल में जो कंफ्यूजन थी, वह दूर हो गई थी। मुझे पता था कि अब हम एक ऐसे समीकरण में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ सिर्फ दो ही आउटपुट संभव थे: या तो सब कुछ खत्म, या हमेशा के लिए हम। और मैं दूसरा आउटपुट चाहती थी।

हमारे रिश्ते को गुप्त रखे हुए दो महीने हो चुके थे, लेकिन ऑफिस के गलियारों में फुसफुसाहट शुरू हो गई थी। लोग नोटिस कर रहे थे कि कबीर मुझे दूसरे कर्मचारियों से ज़्यादा व्यक्तिगत ध्यान देता है, भले ही वह काम के बहाने ही हो।

कंपनी की वार्षिक बैठक होने वाली थी, जहाँ कबीर को अपनी टीम के भविष्य के लक्ष्यों पर प्रेजेंटेशन देनी थी। मुझे पता था कि यह हमारे रिश्ते के लिए करो या मरो वाली स्थिति थी।

मीटिंग से एक दिन पहले, कबीर ने मुझे अपने कैबिन में बुलाया। इस बार वह गंभीर नहीं, बल्कि चिंतित लग रहा था। “समायरा, एचआर विभाग को हमारे बारे में पता चल गया है। वे आज शाम को मुझे पॉलिसी उल्लंघन के लिए बुला रहे हैं। मुझे कहा गया है कि या तो मैं तुम्हें किसी और डिपार्टमेंट में ट्रांसफर कर दूँ, या हम अपना रिश्ता खत्म कर दें।”

मेरे चेहरे का रंग उड़ गया। “लेकिन… हम इतने आगे आ चुके हैं, कबीर। यह गलत है। यह मेरी योग्यता पर सवाल उठाता है।”

कबीर ने मेरा हाथ थामा। “मुझे पता है। मैं नहीं चाहता कि तुम्हारे करियर पर कोई दाग लगे। मैंने फ़ैसला कर लिया है। मैं कल मीटिंग में सबके सामने सच बता दूँगा, और मैं जो भी परिणाम होगा, उसे स्वीकार करूँगा।”

अगले दिन, कॉन्फ्रेंस हॉल खचाखच भरा था। बोर्ड मेंबर्स, सीनियर मैनेजमेंट और मेरी पूरी टीम वहाँ थी। कबीर ने अपनी शानदार प्रेजेंटेशन दी—नंबर्स, ग्रोथ प्रोजेक्शन्स, और भविष्य की रणनीति, सब कुछ परफेक्ट।

जब प्रेजेंटेशन खत्म हुई, तो कबीर ने माइक हाथ में लिया और एक गहरी साँस ली। “दोस्तों, मुझे एक और महत्वपूर्ण घोषणा करनी है। यह मेरी प्रोफेशनल लाइफ के बारे में उतनी नहीं है, जितनी मेरी व्यक्तिगत लाइफ के बारे में है। जैसा कि कुछ लोगों को संदेह है, और जैसा कि एचआर को पता है, मैं और समायरा एक-दूसरे से प्यार करते हैं।”

पूरे हॉल में सन्नाटा छा गया। मैं अपनी सीट पर बैठी थी, मेरे हाथ काँप रहे थे।

एचआर डायरेक्टर ने तुरंत टोकते हुए कहा, “कबीर! यह मंच नहीं है! आपको पॉलिसी पता है!”

कबीर ने शांत लेकिन दृढ़ आवाज़ में जवाब दिया, “मुझे पॉलिसी पता है। लेकिन मुझे अपनी पार्टनर की योग्यता पर भी भरोसा है। मैं नहीं चाहता कि मेरे प्यार की वजह से समायरा को कोई नुकसान हो। इसलिए, मैंने पॉलिसी का पालन करने का एक तरीका खोजा है।”

कबीर ने मेरी ओर देखा और मुझे मंच पर आने का इशारा किया।

मैंने हिम्मत जुटाई और मंच पर गई। कबीर ने मेरा हाथ मजबूती से पकड़ा। “ओरियन कैपिटल की पॉलिसी कहती है कि डायरेक्ट रिपोर्टिंग लाइन्स में रोमांटिक रिश्ते नहीं होने चाहिए। इसीलिए, मैंने यह फ़ैसला लिया है। समायरा,” कबीर ने मेरी ओर देखते हुए कहा, “कल से, मैं अब ‘ओरियन कैपिटल’ में सीनियर मैनेजर नहीं रहूँगा। मैं इस्तीफा दे रहा हूँ।”

पूरा हॉल स्तब्ध रह गया। कबीर तलवार, ‘द डेविल’, इस्तीफा दे रहा था!

कबीर ने मेरी ओर देखा, उसकी आँखें चमक रही थीं। “हम दोनों ने मिलकर एक नया डेटा एनालिटिक्स और इन्वेस्टमेंट फर्म शुरू करने का फ़ैसला किया है। एक ऐसा स्टार्टअप जहाँ लॉजिक और इमोशन, दोनों की कद्र होगी।”

मैंने माइक लिया। “हम दोनों बराबर के पार्टनर हैं, और अब हमारे बीच कोई बॉस-एम्प्लॉई रिश्ता नहीं है, सिर्फ़ दो को-फाउंडर्स का रिश्ता है। यह मेरी सबसे बड़ी जीत है – न सिर्फ डेटा एनालिसिस में, बल्कि लाइफ में भी।”

मैंने कबीर की ओर देखा, “डियर को-फाउंडर, अब हमारी कोई डायरेक्ट रिपोर्टिंग नहीं होगी। अब हम सिर्फ़ एक-दूसरे को रिपोर्ट करेंगे, और यह हमारी सबसे बड़ी सफलता होगी।”

कबीर ने मुस्कुराकर सबके सामने मेरा माथा चूम लिया। वह ‘द डेविल’ आज मेरे लिए सबसे प्यारे ‘डेटा एनालिस्ट’ बन गए थे। ऑफिस का वह कड़ा माहौल, प्यार की जीत के सामने फीका पड़ गया था। मेरा ऑफिस रोमांस खत्म नहीं हुआ, बल्कि एक नई, बराबरी की व्यावसायिक साझेदारी और प्यार के बंधन में बदल गया था।

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