मेरा नाम रिया है।
मेरी कहानी किसी फिल्म जैसी नहीं,
बल्कि बिल्कुल सच्ची, बिल्कुल सीधी…
और उतनी ही गहरी है जितना किसी बचपन का रिश्ता होता है।
मैं एक साधारण-सी कॉलोनी में बड़ी हुई।
जहाँ बच्चे शाम होते ही बाहर निकल आते थे,
किसी के हाथ में गेंद होती,
किसी के हाथ में गुड़िया,
और किसी के दिल में बस खेल-कूद की खुशी।
उसी कॉलोनी में एक लड़का भी था — पवन।
मेरे उम्र का ही।
मेरे जितना ही शरारती,
और मुझे हँसाने में सबसे आगे।
हमारे घर कुछ ही कदमों की दूरी पर थे,
और इसी वजह से हमारी दोस्ती भी
इतनी ही आसानी से पनपती चली गई।
हम बचपन से साथ खेलते थे—
कभी घर-घर, कभी छुपन-छुपाई,
कभी स्कूल जाते हुए रास्ते में
एक-दूसरे पर हँसते-हँसते गिर पड़ना।
उस समय मेरे लिए वो बस एक दोस्त था।
मेरी छोटी-सी दुनिया का एक हिस्सा।
मैंने कभी ये सोचा ही नहीं कि
उसके दिल में मेरे लिए
कोई और ही तरह की जगह है।
हम दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे।
सुबह की वही बस स्टॉप वाली हँसी,
क्लास में एक-दूसरे को किताबें देना,
और प्रोजेक्ट्स में बेवजह साथ काम करना—
ये सब मुझे बस मासूम दोस्ती लगता था।
मुझे नहीं पता था कि
पवन मुझे बचपन से उतनी ही दिल से देखता था
जितनी मैं समझ ही नहीं पाई।
मैं हमेशा अपनी दुनिया में खोई रहती थी,
और पवन हमेशा मेरी दुनिया को
थोड़ा-थोड़ा सँवारता रहता था…
बिल्कुल बिना कहे।
यह मेरी कहानी की शुरुआत है—
जहाँ मैं बस जी रही थी,
और पवन…
चुपचाप मुझे अपने दिल में बसाए रख रहा था।
समय बीतता गया,
हमारी उम्र बढ़ती गई,
पर पवन और मेरी दोस्ती वैसी ही बनी रही—
सहज, हल्की-फुलकी, और बहुत गहरी।
हम दोनों स्कूल में हर वक्त साथ रहते थे।
क्लास बदलती, टीचर बदलते, दोस्त बदलते,
लेकिन हमारा एक-दूसरे के लिए वही अपनापन कभी नहीं बदला।
सबको लगता था—
“रिया और पवन तो बेस्ट फ्रेंड्स हैं… और कुछ नहीं।”
और मैं भी यही मानकर चलती रही।
लेकिन आज जब पीछे मुड़कर देखती हूँ,
तो समझ आता है कि
पवन हर छोटी चीज़ में मेरे लिए कुछ अलग महसूस करता था।
जब मैं उदास होती,
वो बिना पूछे मेरे पास बैठ जाता।
जब मैं खुश होती,
वो मुझसे ज्यादा खिल उठता।
जब कोई मुझे चिढ़ाता,
वो तुरंत मेरी तरफ खड़ा हो जाता।
पर मैं…
इन सबको बस “अच्छी दोस्ती” समझती रही।
🌼 स्कूल खत्म हुआ… और पहली बार हम अलग हो गए।
हम दोनों बड़े हो गए थे,
और कॉलेज का समय आ गया था।
पहली बार हमारे रास्ते अलग हो गए—
पवन एक कॉलेज में चला गया,
और मैं दूसरे कॉलेज में।
मुझे लगा था कि शायद इससे दूरी आएगी,
क्योंकि नया माहौल, नए लोग,
नई दिनचर्या…
सब कुछ बदल जाने वाला था।
लेकिन पवन वही रहा—
हर दिन मैसेज,
कभी-कभार गेट पर इंतज़ार,
मेरा टाइमटेबल याद रखना,
मेरे एक्साम्स की चिंता करना…
ये सब देखकर मुझे बस यही लगता था—
“क्या कमाल का दोस्त मिला है मुझे।”
मैंने कभी नहीं सोचा कि
वो मुझे सिर्फ दोस्ती के लिए इतनी तरजीह नहीं देता था…
बल्कि उसके दिल में कुछ ऐसा चल रहा था
जो मैंने कभी नहीं समझा।
🌼 और एक बात… जिसने मुझे बाद में बहुत कुछ समझाया
पवन ने कभी किसी लड़की को
अपनी जिंदगी में आने ही नहीं दिया।
• न कोई गर्लफ्रेंड
• न कोई क्रश
• न कोई दिलचस्पी
मैंने कई बार मजाक में पूछा भी—
“पवन, तू किसी को पसंद क्यों नहीं करता?”
वो बस मुस्कुरा देता था और कहता—
“सब ठीक है, रिया।”
उसकी वो मुस्कान…
एक राज़ छुपाती थी,
जिसे मैं पढ़ नहीं पाई।
दिल में आज समझ आता है—
वो इसलिए किसी और की तरफ नहीं देखता था
क्योंकि उसकी दुनिया में
मेरे अलावा कोई जगह ही नहीं थी।
यह दौर ऐसा था जब
हमारी दोस्ती गहरी हो रही थी,
लेकिन मेरा मन अब भी अनजान था…
और उसका दिल मेरे लिए
बचपन से लेकर आज तक
उसी जगह पर अटका हुआ था।
कहते हैं, जिंदगी में कुछ पल ऐसे आते हैं
जो सबकुछ बदल देते हैं—
हमारी सोच, हमारा रिश्ता, यहाँ तक कि खुद हम भी।
मेरी जिंदगी का वो पल तब आया
जब पवन ने अचानक मुझे मिलने के लिए बुलाया।
उसकी आवाज़ में कुछ अलग था—
जैसे कोई भारी बात दिल में दबाए बैठा हो।
मैं मिली तो देखा,
आज उसका चेहरा बिल्कुल शांत नहीं था।
आँखों में घबराहट,
होंठों पर हल्की-सी काँपती हुई मुस्कान…
जो बता रही थी कि
वो बहुत बड़ा फैसला लेने वाला है।
कुछ पल की चुप्पी के बाद
वो सीधे-सीधे कह गया—
“रिया… मैं तुमसे बहुत सालों से एक बात छुपाए बैठा हूँ।
अगर तुमने किसी और से शादी कर ली,
तो मैं… सच कहूँ तो, मैं मर जाऊँगा।
मैं तुम्हें बचपन से प्यार करता हूँ।”
मेरे पैरों तले सच में ज़मीन खिसक गई।
मैं कुछ बोल ही नहीं पाई।
मेरे अंदर जैसे सब कुछ रुक गया हो।
पवन?
मेरे बचपन का साथी?
मेरी दोस्ती की दुनिया का सबसे शांत लड़का?
वो इतना गहरा प्यार मुझसे करता था…
और मैं सालों से अनजान थी?
उसने आगे कहा—
“मैंने कभी किसी और को अपनी जिंदगी में नहीं आने दिया…
क्योंकि मेरे दिल में सिर्फ तुम हो।
हमारे बचपन से आज तक… बस तुम।”
उसकी आँखें नम थीं,
लेकिन उसकी बातों में कोई झिझक नहीं थी।
उसने पहली बार
अपने पूरे दिल को मेरे सामने खोल दिया था।
उस पल मुझे हमारे हर बचपन के दिन याद आए—
उसका हर ख्याल,
उसकी हर परवाह,
उसकी हर बेवजह चिंता…
सब कुछ एक ही बात पर जाकर ठहर गया—
वो मुझे सच में प्यार करता था।
बहुत ज़्यादा, बहुत गहराई से।
मैं समझ नहीं पा रही थी कि
मैं क्या महसूस कर रही हूँ।
मैंने उससे थोड़े वक्त की मांग की।
क्योंकि मैं उसे खोना भी नहीं चाहती थी…
पर उसके इतने बड़े इज़हार को
हल्के में भी नहीं लेना चाहती थी।
उस रात नींद नहीं आई।
मैंने खुद से पूछा—
“क्यों उसकी कमी इतनी महसूस हो रही है?”
“क्यों उसकी परवाह मुझे किसी और से ज्यादा लगती है?”
“क्यों मैं उसे खोने की सोचकर डर रही हूँ?”
और तब…
पहली बार दिल ने धीरे से कहा—
“रिया, तू भी उससे प्यार करती है…
बस समझने में देर कर दी।”
उसके इज़हार के बाद मैं कई दिनों तक सोचती रही।
पवन की बातें, उसका डर, उसकी आँखें…
सब मेरे मन में बार-बार घूम रही थीं।
मैंने कभी पवन को उस नज़र से देखा ही नहीं था,
लेकिन अब जब उसने दिल खोलकर रख दिया था,
तो मैं उसके हर पल को नए तरीके से महसूस करने लगी।
जब मैं दुखी होती थी,
तो वो सबसे ज्यादा बेचैन हो जाता था।
जब मैं खुश होती थी,
तो वो मुझसे ज्यादा हँसता था।
जब मैं किसी और लड़के की बात करती,
तो उसकी आँखों में एक अजीब-सी बेचैनी दिखती थी…
जिसे मैं तब समझ नहीं पाती थी।
लेकिन अब समझ आ रही थी—
वो मुझे दोस्त की तरह नहीं,
दिल की धड़कन की तरह चाहता था।
🌼 मेरी हिम्मत… और उसकी दुनिया का बदल जाना
एक शाम मैं उसके पास गई।
उसे देखते ही मुझे महसूस हुआ
कि वो डर रहा है मेरे जवाब से।
उसकी आँखों में वही घबराहट थी
जो किसी को खो देने के डर में होती है।
मैंने धीरे से कहा—
“पवन… मैं भी तुम्हें खोना नहीं चाहती।
शायद मुझे समझने में देर लगी,
लेकिन मैं तुमसे दूर रहने की सोच भी नहीं सकती।”
वो कुछ पल मुझे देखता रहा,
जैसे उसे यकीन ही नहीं हो रहा हो।
फिर उसकी आँखें चमक गईं—
जैसे कोई भारी बोझ उसके दिल से उतर गया हो।
उसकी मुस्कान…
मेरी जिंदगी की सबसे खूबसूरत यादों में से एक है।
🌼 हमने शादी का फैसला किया
हमने अपने परिवारों को बताया।
सबको समझने में थोड़ा समय लगा,
पर जब उन्हें पता चला कि
हम बचपन से एक-दूसरे के साथ हैं,
और पवन मुझे कितनी इज़्ज़त और दिल से चाहता है,
तो सब शांत हो गए।
फिर वो दिन आया—
हमारी शादी।
शादी बहुत भव्य नहीं थी,
लेकिन उसमें प्यार इतना था
कि हर रस्म में वो झलक रहा था।
फेरा लेते समय
पवन मेरा हाथ ऐसे पकड़े हुए था
जैसे उसे यकीन हो गया हो कि
अब मैं कभी उससे दूर नहीं जाऊँगी।
वो बार-बार मेरी तरफ देखता,
और उसकी आँखें वही कहतीं—
“रिया, तुमने मेरी पूरी दुनिया लौटा दी।”
और सच कहूँ…
उस दिन मुझे पहली बार महसूस हुआ
कि मैं कितनी खुशकिस्मत हूँ
जो मुझे ऐसा इंसान जीवनसाथी मिला।
एक ऐसा लड़का जिसने
कभी किसी और को दिल में जगह नहीं दी,
क्योंकि उसका दिल बचपन से ही
सिर्फ मेरे नाम लिखा हुआ था।
शादी के बाद अक्सर लोग कहते हैं कि
पहले जैसी बातें नहीं रहतीं,
समय के साथ प्यार कम हो जाता है,
या रिश्ते बदल जाते हैं।
पर मेरी जिंदगी में कुछ भी कम नहीं हुआ…
बल्कि सब और गहरा हो गया।
क्योंकि पवन—
वो आज भी वैसा ही है जैसा बचपन में था।
वो आज भी मेरी हर बात पर उतना ही ध्यान देता है,
आज भी मेरी हँसी देखकर चमक उठता है,
आज भी थोड़ी सी नाराज़गी पर बेचैन हो जाता है,
और आज भी मेरे बिना उसका दिन अधूरा लगता है।
🌼 उसका प्यार कैसा है?
पवन का प्यार कभी शब्दों में नहीं होता,
उसकी हर छोटी आदत में छुपा होता है—
• मेरी सुबह कैसी होगी, वो पहले से सोच लेता है।
• मैंने खाना खाया या नहीं, उसे हमेशा याद रहता है।
• मैं थक जाऊँ तो वो बिना बोले मेरे हाथ पकड़ लेता है।
• मैं परेशान रहूँ तो वो मेरे पास बैठकर चुपचाप मेरा सिर सहलाता है।
शायद लोग इसे ‘पति का फर्ज़’ कहें…
पर मेरे लिए ये सब
उसे महसूस किए बिना समझ लेने वाला प्यार है।
और कभी-कभी तो मुझे खुद भी लगता है कि
वो मुझे पत्नी से ज्यादा
एक दोस्त की तरह प्यार करता है—
एक ऐसा दोस्त
जिससे वो सब कुछ बाँट सकता है,
जिस पर वो पूरा भरोसा कर सकता है,
जिसके बिना वो खुद को अधूरा महसूस करता है।
🌼 हम दोनों का रिश्ता कैसा हो गया है?
हमारा रिश्ता बहुत सरल है—
ना दिखावा,
ना कोई बनावटी प्यार,
ना ज्यादा बोलना…
बस दिल से निभाया हुआ साथ।
हम लड़ते भी हैं,
पर उतनी ही जल्दी मान भी जाते हैं।
हम मजाक भी करते हैं,
और एक-दूसरे की कमजोरी भी जानते हैं।
कई बार मैं उसे छेड़ती हूँ—
“पवन, तू मुझे इतनी इज्ज़त क्यों देता है?”
वो मुस्कुराकर कहता—
“क्योंकि तू मेरी बचपन की रिया है।
तू दोस्त बनकर आई थी…
मेरी जिंदगी बनकर रुक गई।”
उसकी ये बात सुनकर
मुझे हमेशा लगता है कि
मेरी दुनिया सच में पूरी हो गई है।
🌼 रिया की आज की दिल की बात
कभी-कभी रात को जब वो सो जाता है
और मैं उसे शांत चेहरा देखकर देखती हूँ,
तो दिल में बस एक ही बात आती है—
अगर उस दिन उसने हिम्मत करके
अपने दिल की बात नहीं कही होती,
तो शायद मैं उस सबसे खूबसूरत रिश्ते को खो देती
जिसकी मुझे खुद भी जरूरत थी।
मैं आज खुद से यह बात साफ-साफ कह सकती हूँ—
मुझे सिर्फ एक पति नहीं मिला…
मुझे मेरा सबसे सच्चा दोस्त,
मेरी बचपन की याद,
और मेरा जीवनभर का प्यार मिला है।
और शायद यही वजह है कि
मेरी शादी सिर्फ शादी नहीं,
मेरी पूरी जिंदगी का
सबसे खूबसूरत मोड़ है। 💛✨















