मेरा नाम नेहा है यह मेरी कहानी है | ऑफिस/जॉब लव स्टोरी (Office Love)

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मेरा नाम नेहा है। मैंने अभी-अभी शहर की सबसे बड़ी टेक कंपनी ‘इन्वेंटिव लैब्स’ में सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर ज्वाइन किया था। मैं 23 साल की थी, आँखों में बड़े सपने और दिल में कोड के प्रति जुनून था। लेकिन पहली ही मीटिंग में मेरी मुलाक़ात, मेरे बॉस, आरव मल्होत्रा से हुई, और मेरी सारी प्रोफेशनल ट्रेनिंग धरी की धरी रह गई।

आरव… वह सिर्फ एक बॉस नहीं था। वह था 6 फीट ऊँचा, हमेशा आत्मविश्वास से भरा, और उसकी आँखों में एक ऐसी तीक्ष्णता थी जो सामने वाले को अपना बेस्ट देने के लिए मजबूर कर देती थी। उसका काम के प्रति समर्पण देखकर बाकी सब सुस्त लगने लगते थे।

पहले कुछ हफ़्तों में, मैं बस अपनी डेस्क पर बैठी रहती और उसे दूर से देखती। वह देर रात तक काम करता, और मुझे भी रुकना पड़ता था क्योंकि मैं अपनी टीम की नई सदस्य थी। हमारी बातचीत हमेशा औपचारिक होती: “नेहा, इस कोड में सुधार करो,” या “नेहा, क्लाइंट को यह रिपोर्ट भेजो।”

एक दिन, मैं एक बहुत मुश्किल बग (Bug) पर काम कर रही थी। पूरी रात जागने के बाद भी, कोड काम नहीं कर रहा था। सुबह 4 बजे, जब ऑफिस में सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड और हम थे, मैंने खीझकर अपनी डेस्क पर मुक्का मारा।

तभी पीछे से आवाज़ आई, “क्या हुआ? इतना गुस्सा क्यों?”

वह आरव था। उसने अपने हाथ में दो डिस्पोजेबल कॉफ़ी मग पकड़े थे। मैंने अपनी आँखें मली, “सर, यह बग पागल कर रहा है। लग रहा है कि मैं यह नौकरी नहीं कर पाऊँगी।”

आरव ने मुस्कुराकर एक कॉफ़ी मेरी ओर बढ़ाई, “यह रही तुम्हारी ‘लाइफलाइन’। और सुनो, हर बड़ा डेवलपर कभी न कभी ऐसे बग से गुज़रता है जो उसे डराता है। डरने की ज़रूरत नहीं, बस कोशिश जारी रखो।”

उस रात उसने मेरे साथ बैठकर समस्या को समझा, कोड की एक छोटी-सी लाइन में सुधार किया, और समस्या हल हो गई। जब मैं सुबह 6 बजे घर के लिए निकली, तो वह मेरे लिए एक कैब बुक कर चुका था। उस दिन मुझे एहसास हुआ कि आरव सिर्फ बॉस नहीं है, बल्कि एक सच्चा लीडर है जो अपने टीम मेंबर्स की परवाह करता है। मेरे दिल में उस रात से उस बॉस के लिए कुछ अलग ही ‘कोड’ रन होने लगा था।

अगले कुछ महीनों में, हमारे बीच एक अजीब-सा तालमेल बैठ गया। ऑफिस में, हम सबसे ज़्यादा प्रोफेशनल होते थे, लेकिन लंच ब्रेक में हमारी दुनिया बदल जाती थी। हमने ऑफिस के पास एक पुराना, शांत कैफ़े खोज लिया था जहाँ कोई हमें डिस्टर्ब नहीं करता था।

वहाँ न बॉस होता था, न एम्प्लॉई। वहाँ होते थे सिर्फ दो लोग – आरव और नेहा।

हम काम की कम और ज़िन्दगी की ज़्यादा बातें करते थे। मुझे पता चला कि आरव एक शानदार फोटोग्राफर भी है और उसे पुरानी हिंदी ग़ज़लों से प्यार है। उसे पता चला कि मैं अपनी माँ को बहुत मिस करती हूँ और वीकेंड पर नई रेसिपीज़ ट्राय करती हूँ। यह वह आरव था जो किसी को नहीं दिखता था, सिर्फ़ मुझे दिखता था।

एक बार, मेरी एक प्रेजेंटेशन बहुत सफल हुई। जब मैं डेस्क पर बैठी थी, तो आरव मेरे पास आया। उसने कुछ नहीं कहा, बस मेरी डेस्क पर धीरे से एक गुलाब का फूल रख दिया। मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई, लेकिन तभी एक कलीग ने पूछा, “सर, यह क्या है?”

आरव ने पल भर में स्थिति सँभाली, “अरे, यह तो एक नई क्लाइंट कंपनी का लोगो है, जिसकी प्रेजेंटेशन नेहा ने बेहतरीन तरीके से दी है।” और वह अपने कैबिन में चला गया।

उस गुलाब ने मेरे दिल में हलचल मचा दी थी। यह एक ख़ामोश इज़हार था।

हमारी यह गुप्त दोस्ती तेज़ी से रोमांस में बदल रही थी। अब हमारे लंच ब्रेक में नज़रों का मिलना, एक-दूसरे के हाथ छू लेना और अधूरी बातें कहना शामिल था। हम जानते थे कि ऑफिस में यह सब करना मना है, लेकिन यह सीक्रेट हमें और करीब ला रहा था।

एक शाम, हम एक क्लाइंट मीटिंग से वापस आ रहे थे। कार में पूरी तरह सन्नाटा था। उसने अचानक मुझसे पूछा, “नेहा, तुम शादी के बाद काम करोगी?” मैंने कहा, “हाँ। मेरा काम मेरा जुनून है।” उसने कार रोकी, मेरी ओर मुड़ा और मेरे दोनों हाथ थाम लिए। “मुझे तुम्हारा यह जुनून बहुत पसंद है। तुम जैसी लड़की को मैं अपनी जिंदगी में चाहता हूँ। मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि तुम मेरी टीम में हो या नहीं… बस मुझे तुम चाहिए।”

उस पल, मेरे सारे बैज और सारे नियम टूट गए। मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं, क्योंकि मुझे पता था कि अब हम एक ऐसे रास्ते पर हैं जहाँ से वापस मुड़ना नामुमकिन है।

 

हमारे रिश्ते को सार्वजनिक करने का समय आ गया था। मुझे पता था कि इसकी वजह से ऑफिस में बहुत मुश्किल होगी, लेकिन मैं तैयार थी।

एक शुक्रवार की शाम, कंपनी ने एक बड़ा पार्टी इवेंट रखा। आरव ने मुझे पहले ही कह दिया था कि आज रात हम सबको बता देंगे। मैं बहुत घबरा रही थी।

पार्टी में, जब आरव को मंच पर बोलने के लिए बुलाया गया, तो उसने अपनी स्पीच शुरू की। “दोस्तों, आज मैं सिर्फ बिज़नेस की बात नहीं करूँगा। आज मैं बात करूँगा उस ‘बग’ की, जिसने मेरी ज़िंदगी बदल दी।”

सब हँसने लगे।

आरव ने अपनी नज़र पूरे हॉल में घुमाई, फिर मेरी ओर देखा। “एक दिन, मैं अपनी ही ज़िंदगी में अटक गया था। सब कुछ सही था, लेकिन कुछ ख़ाली था। फिर मेरी टीम में एक लड़की आई… नेहा। पहले तो मैंने उसे सिर्फ़ एक मेहनती डेवलपर समझा, लेकिन धीरे-धीरे, उसने मेरे सारे कोड बदल दिए।”

उसने मंच से नीचे उतरकर मेरा हाथ थामा और मुझे मंच पर ले गया। “आज मैं ‘इन्वेंटिव लैब्स’ के एचआर डिपार्टमेंट और आप सबकी उपस्थिति में यह घोषित करता हूँ कि नेहा और मैं एक-दूसरे से प्यार करते हैं।”

पूरा हॉल सन्न रह गया।

एचआर हेड ने तुरंत कहा, “आरव! आपको कंपनी पॉलिसी पता है! यह कॉन्फ़्लिक्ट ऑफ़ इंटरेस्ट है!”

आरव ने मुस्कुराकर कहा, “जी बिल्कुल। इसलिए मैंने एक फ़ैसला लिया है। नेहा ने कल रात ही अपनी सबसे बेहतरीन कोड और सबसे ज़रूरी डेटा मेरे हाथ में सौंप दिया है। और आज सुबह, उसने अपना इस्तीफ़ा भी दे दिया है।”

मेरे दिल की धड़कन तेज़ हो गई।

आरव ने मेरी ओर देखा और कहा, “नेहा अब मेरी टीम की एम्प्लॉई नहीं है, लेकिन वह अब मेरी ज़िंदगी की पार्टनर है।”

फिर उसने माइक मेरी ओर बढ़ा दिया। मैंने गहरी साँस ली और आत्मविश्वास से कहा, “मैंने इस्तीफा इसलिए दिया, क्योंकि मैं अब किसी की ‘टीम’ में नहीं रहना चाहती थी। मैं और आरव अब अपनी कंपनी शुरू कर रहे हैं। हम दोनों बराबर के पार्टनर होंगे, बिज़नेस में भी और ज़िंदगी में भी।”

मैंने अपने पुराने बॉस की आँखों में देखा। अब वह सिर्फ मेरा पार्टनर था। उसकी आँखों में प्यार और गर्व का एक शानदार मिश्रण था।

मेरा ऑफिस रोमांस ख़त्म नहीं हुआ था, बल्कि एक नए अध्याय की शुरुआत थी – जहाँ न कोई बॉस था, न कोई डर, सिर्फ़ दो दिल थे, जो अब अपनी ही कंपनी के सीईओ और सीटीओ थे। प्यार ने मुझे नौकरी खोने नहीं दी, बल्कि मुझे मेरा ख़ुद का साम्राज्य बनाने में मदद की।

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